पुत्र प्राप्ति का मंत्र | Putra Prapti Mantra

Putra Prapti Ke Liye Mantra In Hindi

पुत्र प्राप्ति एक ऐसा विषय है जो भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। जब दंपत्ति संतान सुख से वंचित रहते हैं या उन्हें पुत्र संतान की विशेष कामना होती है, तब वे धार्मिक उपायों, व्रतों और मंत्रों का सहारा लेते हैं। यह लेख विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो पुत्र प्राप्ति के लिए सिद्ध मंत्र की खोज कर रहे हैं। प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों ने यह अनुभव किया कि संतान सुख प्राप्ति हेतु मंत्रों में अद्भुत शक्ति होती है। पुत्र प्राप्ति का मंत्र न केवल आपकी कामना को सिद्ध करता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है। एक निश्चित समय और स्थान पर ही प्रतिदिन प्रातः एवं संध्याकाल में ११ बार जाप करें। संतान के रूप में पुत्र की प्राप्ति होगी।


Putra Prapti Mantra

पुत्र प्राप्ति मंत्र का जाप कैसे करें?

* प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
* पूजा स्थल पर दीपक जलाएं।
* ईष्ट देव (विशेष रूप से श्रीराम या श्री हनुमान  भगवान) की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
* मंत्र का जाप 11 बार प्रतिदिन सुबह और सायं काल में रुद्राक्ष माला से करें।
* अंत में प्रार्थना करें और आशीर्वाद लें।

सावधानियां

* मंत्र जाप पूर्ण श्रद्धा, विश्वास और नियम से करें।
* अशुद्ध अवस्था में जाप न करें।
* पुत्र के लिए ११ पाठ नित्य प्रातः एवं संध्या काल 41 दिनों तक करे।

पुत्र प्राप्ति का मंत्र

* मङ्गल मूरति मारुतिनन्दन,
सकल अमङ्गल मूल निकन्दन ||१||

* कवन सो काज कठिन जगमाहीं,
जो नहीं होय तात तुम पाहीं ||२||

* कहा रीछपति सुन हनुमाना,
का चुप साध रहा बलवाना ||३||

* पवन तनय बल पवन समाना,
बुधि विवेक विज्ञान विधाना ||४||

* कोमल चित कृपालु रघुराई,
कपि केहि हेतु धरी निठुराई ||५||

* जो प्रसन्न मो पर मुनिराई,
पुत्र देहु बल  में अधिकाई ||६||

* जबहि पवन सुत यह सुधिपाई,
चले हृदय सुमिर रघुराई ||७||

* राम कीन्ह चाहि सोइ होई,
करै अन्यथा अस नहि कोई ||८||

* पुरवहु मैं अभिलाष तुम्हारा,
सत्य सत्य प्रण सत्य हमारा ||९||

* जेहि विधि प्रभु प्रसन्न मन हाई,
करुणासागर कीजे सोई ||१०||

* चरण कमल बन्दों तिन केरे,
पुरवहु सकल मनोरथ मेरे ||११||

* देखि प्रीति सुन वचन अमोले,
एवमस्तु करुणानिधि बोले ||१२||

* दशरथ पुत्र जन्म सुनि काना,
मांनहु ब्रह्मानन्द समाना ||१३||

* जाकर नाम सुनत शुभ होई,
मोरे गृह श्रावा प्रभु सोई ||१४||

* प्रभु की कृपा भयऊ सब काजू,
जन्म हमार सुफल भा आजू ||१५||

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url
WhatsApp Channel  Join Now
Telegram Channel  Join Now