संध्या दीप मंत्र | Sandhya Deepak Mantra
Sandhya Deepak Jalane Ka Mantra
हिन्दू धर्म में संध्या का समय अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह वह काल है जब दिन और रात का संगम होता है। इस समय दीपक जलाकर भगवान की आराधना करना शुभ माना जाता है। दीपक अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। "संध्या दीप मंत्र | Sandhya Deepak Mantra" का जाप करते हुए दीपक जलाना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति और समृद्धि लाता है।शाम को दीपक जलाने का मंत्र
* दीपो ज्योतिः परं ब्रह्म,
दीपो ज्योतिर्जनार्दनः,
दीपो हरतु मे पापं,
सन्ध्यादीप नमोऽस्तुते ||
* शुभं करोतु कल्याणं,
आरोग्यं सुखसम्पदाम्,
मम बुद्धिप्रकाशं च,
दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ||
भावार्थ-
* दीपक परम ब्रह्म का प्रकाश है,
* दीपो ज्योतिर् जनार्दन,
* दीपो हरतु मे पापम,
* हे संध्या दीप, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ।
* शुभकामनाएं और शुभकामनाएं,
* स्वास्थ्य और खुशी,
* और मेरी बुद्धि का प्रकाश,
* हे दीप की ज्योति, मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ।
संध्याकाल दीप प्रज्वलित पश्चात् क्षमा प्रार्थना मन्त्र
* मन्त्रहीनं क्रियाहीनं,
भक्तिहीनं जनार्दन,
यत्पूजितं मया देव,
परिपूर्णं तदस्तु मे ||
भावार्थ-
* बिना मंत्र के, बिना क्रिया के,
* भक्तिहीनं जनार्दन,
* हे ईश्वर, मैंने जिसकी पूजा की है,
* यह मेरे लिए उत्तम हो।
संध्या दीप जलाने का सही समय
* संध्याकाल: सूर्यास्त से कुछ समय पूर्व या सूर्यास्त के तुरंत बाद,
* स्थान: घर के मंदिर, तुलसी के पौधे के पास, मुख्य द्वार, या पूजन कक्ष में।
FAQ:
1- शाम को दिया जलाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
शाम को दिया जलाते समय बोलने वाला मंत्र* दीपो ज्योतिः परं ब्रह्म,
दीपो ज्योतिर्जनार्दनः,
दीपो हरतु मे पापं,
सन्ध्यादीप नमोऽस्तुते ||
* शुभं करोतु कल्याणं,
आरोग्यं सुखसम्पदाम्,
मम बुद्धिप्रकाशं च,
दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ||
2- दीप मंत्र क्या है?
* शुभं करोतु कल्याणं,आरोग्यं सुखसम्पदाम्,
मम बुद्धिप्रकाशं च,
दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ||
3- दीप जलाने का श्लोक क्या है?
* शुभं करोतु कल्याणं,आरोग्यं सुखसम्पदाम्,
मम बुद्धिप्रकाशं च,
दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ||