धीरे-धीरे अंखियां मां खोल रही है लिरिक्स | Dheere Dheere Akhiyan Ma Khol RahI Hai Lyrics

Dheere Dheere Akhiyan Ma Khol RahI Hai Lyrics In Hindi
जय मां पहाड़ी,जय मां पहाड़ी,
धीरे-धीरे अंखियां,
मां खोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
जय मां पहाड़ी,
जय मां पहाड़ी,
धीरे-धीरे अंखियां,
मां खोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है||
जय मां पहाड़ी,
जय मां पहाड़ी,
धीरे-धीरे अंखियां,
मां खोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
जय मां पहाड़ी,
जय मां पहाड़ी,
धीरे-धीरे अंखियां,
मां खोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
दुनिया के नजारे,
तो बेजान लगते,
सूरज चंदा कोड़ी के,
समान लगते ||
दुनिया के नजारे,
तो बेजान लगते,
सूरज चंदा कोड़ी के,
समान लगते ||
आत्मा में अमृत,
घोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
आएगी जरूर मैया,
आज सामने,
अपने भक्तों का,
देखो हाथ थामने ||
बस मिलने का मौका,
ये टटोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
बनवारी ऐसी,
तकदीर चाहिए,
आत्मा में ऐसी,
तस्वीर चाहिए |
ऐसा यह असर,
दिल पर छोड़ रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
जय मां पहाड़ी,
जय मां पहाड़ी,
धीरे-धीरे अंखियां,
मां खोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||
जय मां पहाड़ी,
जय मां पहाड़ी,
धीरे-धीरे अंखियां,
मां खोल रही है,
लगता है मैया,
कुछ बोल रही है ||