पीपल पूजा मंत्र | Pipal Puja Mantra

Peepal Tree Puja Mantra
हिंदू धर्म में पीपल का वृक्ष अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। वैज्ञानिक दृष्टि से पीपल का वृक्ष हमे 24 घंटे प्राण वायु प्रदान करता है, इसलिए इसे देव वृक्ष, अक्षय वृक्ष और त्रिदेवों का वास स्थल इत्यादि नामो से पुकारा गया है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास पीपल में माना जाता है। पीपल पूजा मंत्र | Pipal Puja Mantra का पाठ करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।


Pipal Puja Mantra

पीपल प्रदक्षिणा का मन्त्र

* कुर्यात्प्रदक्षिणं तं तु सर्व देव मयं ततः,
अश्वत्थोऽतः सदा सेव्यो मंदवारे विशेषतः ||१||

* नित्यमश्वत्थ संस्पर्शात् पापं याति सहस्रधा,
दुग्धेन तर्पणं ये वै तिल मिश्रण भक्तितः ||२||

* सैचनं वा करिष्यन्ति तृप्तिस्तत्पूर्वजेषु च,
पापरोग विनाशाय चातुर्मास्ये विशेषतः ||३||

पीपल पूजन का मन्त्र

* अश्वत्थाय वरेण्याय सर्वेश्वर्यं प्रदायिने,
अनन्त शिवरूपाय वृक्षराजायते नमः ||

FAQ:

1- पीपल के पेड़ की पूजा करने का मंत्र क्या है?

* अश्वत्थाय वरेण्याय सर्वेश्वर्यं प्रदायिने,
अनन्त शिवरूपाय वृक्षराजायते नमः ||

2- पीपल के पेड़ का मंत्र क्या है?
पीपल वृक्ष पूजन एवं प्रदक्षिणा मंत्र इस पोस्ट मे वर्णित है आप इन मंत्रो का उपयोग कर वट वृक्ष पूजा पूर्ण कर सकते है। ऐसा माना जाता है पीपल को त्रिदेवों का वास स्थल है। इसलिए त्रिदेव मंत्र का 11 या समयनुसार इस मंत्र का पाठ करना चाहिए।
"ॐ ब्रह्माय विष्णवे रुद्राय अश्वत्थाय नमः"

3-पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?
पीपल के वृक्ष को जल हमेशा ताम्र या पीतल के लोटे से जल अर्पित करें।
साथ में गंगाजल, रोली, चावल और फूल भी अर्पित करें। फिर 7 परिक्रमा करें और दीपक जलाएं।
उपरोक्त वर्णित मंत्र का स्मरण करते हुये जल अर्पित करने से मनवांक्षित फलों की प्राप्ति होती है।

4- पीपल पूजन कैसे करें?
सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। इस समय आप स्वयं को पवित्र रखकर
आप पीपल वृक्ष की पूजा करने से शीघ्र मनवांक्षित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

5- शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा कैसे करें?
शनिवार को पीपल पूजन करना शनि दोष, पितृ दोष, और कर्म बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है। ऐसा माना जाता है की शनिवार को पीपल वृक्ष पर सरसों तेल का दीपक जलाने और अर्पण करने से शनि दोष समाप्त होने के साथ-साथ श्री बजरंगबली जी को अति शीघ्र शुभ फल गामी होते हैं।

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url