करो रे मन चलने की तैयारी लिरिक्स | Karo Re Man Chalne Ki Taiyari Lyrics
Karo Re Man Chalne Ki Taiyari Lyrics In Hindi
करो रे मन चलने की तैयारी लिरिक्स | Karo Re Man Chalne Ki Taiyari Lyrics एक अत्यंत भावपूर्ण और चेतावनी देने वाला भजन है जो आत्मा को जाग्रत करने और जीवन की अंतिम सच्चाई — मृत्यु — को स्वीकार कर भक्ति की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है। यह भजन व्यक्ति को समय रहते आत्मज्ञान, प्रभु स्मरण और सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।करो रे मन चलने की तैयारी लिरिक्स इन हिंदी
* करोरे मन,उस दिन की तदवीर,
करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
भव सागर एक नदी,
बहत है जल वाढ़े गम्भीर,
गहरी नदिया नाव पुरानी,
खेवटिया बेपीर ||
* करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
भव सागर एक नदी,
बहत है जल वाढ़े गम्भीर,
गहरी नदिया नाव पुरानी,
खेवटिया बेपीर ||
* जब यमराज लेन तोहि आवे,
तनिक धरे नहीं धीर,
मार-मार मुग्दर प्राण निकारें,
नैनन बरसेंगे नीर ||
* करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
भव सागर एक नदी,
बहत है जल वाढ़े गम्भीर,
गहरी नदिया नाव पुरानी,
खेवटिया बेपीर ||
* जब यमराज खम्भ से बांधे,
व्याकुल होय शरीर,
घर बैठी तेरी चातुर नारी,
कोई न बंधावे धीर ||
* करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
भव सागर एक नदी,
बहत है जल वाढ़े गम्भीर,
गहरी नदिया नाव पुरानी,
खेवटिया बेपीर ||
* माल मुल्क की कौन चलावे,
संग न चले शरीर,
कहत कबीर सुनो भाई साधो,
वहां न चलेगी तकसीर ||
* करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
करोरे मन,
उस दिन की तदवीर,
भव सागर एक नदी,
बहत है जल वाढ़े गम्भीर,
गहरी नदिया नाव पुरानी,
खेवटिया बेपीर ||