करनी सो करले भजन लिरिक्स | Karni So Karle Bhajan Lyrics

Karni So Karle Bhajan Lyrics In Hindi

करनी सो करले भजन लिरिक्स | Karni So Karle Bhajan Lyrics एक प्रसिद्ध भक्ति भजन है जो मनुष्य को कर्म, धर्म और समय के मूल्य का बोध कराता है। यह भजन व्यक्ति को जीवन में सद्कर्म करने की प्रेरणा देता है और यह समझाता है कि समय रहते जो कार्य नहीं किए जाते, वे जीवन में पश्चाताप का कारण बनते हैं। इस पवित्र भजन को अक्सर सत्संगों, भजन संध्याओं और धार्मिक आयोजनों में गाया जाता है।


Karni So Karle

करनी सो करले भजन लिरिक्स हिंदी

* करनी सो करले आज,
खबर नहीं कल की,
आयु नित कमती होय,
रोज क्षण पल की ||

* करनी सो करले आज,
खबर नहीं कल की,
आयु नित कमती होय,
रोज क्षण पल की ||

* तू गर्भवास में,
भारी कष्ट सहे था,
तेरे आस पास में,
मल और मूत्र बहे था ||

* तेरा नीचे सिर,
ऊपर को पैर करे था,
तू पड़ा नरक में,
राम ही राम रटे था ||

* तेरो दिन रैन करूंगा,
भजन विपति कर हल की,
करनी सो करले आज,
खबर नहीं कल की,
आयु नित कमती होय,
रोज क्षण पल की ||१||

* तब हरि की माया फिरी,
निकाला दुःख से तू,
दुद्धी घुट्टी पीवने,
लग गया सुख से ||

* फिर मात पिता की गोद,
रहन लगा सुख से,
निरमुख हो गया तू,
हाय राम के रूख से ||

* तेरी बाल अवस्था,
इसी तरह से टलगी,
करनी सो करले आज,
खबर नहीं कल की,
आयु नित कमती होय,
रोज क्षण पल की ||२||

* तेरा बचपन गुजरा,
फेर जवानी जागी,
तब मद में अन्धा भया,
नारि संग लागी ||

* नहीं लिया राम का नाम,
अरे निरभागी,
नहीं धोकर दिल के,
दाग बना बेदागी ||

* तेरी रतन जवानी,
इसी तरह से ढलगी,
करनी सो करले आज,
खबर नहीं कल की,
आयु नित कमती होय,
रोज क्षण पल की ||

* तेरी गई जवानी,
फेर बुढ़ापा आया,
सब इन्द्री दुर्बल भई,
सिकुड़ गई काया ||३||

* तब रोग जाल ने,
आकर तुझे दबाया,
तू अन्त समय सिर,
धुन-धुन कर पछिताया ||

* फिर मरण काल में,
लई सुमरिनी छल की,
करनी सो करले आज,
खबर नहीं कल की,
आयु नित कमती होय,
रोज क्षण पल की ||४||

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