कान्हा रोज रोज तुमको सजाता रहूं लिरिक्स | Kanha Roj Roj Tumko Sajata Rahun Lyrics

Kanha Roj Roj Tumko Sajata Rahun Lyrics

Kanha Roj Roj Tumko Sajata Rahun Lyrics In Hindi

* कान्हा रोज रोज तुमको,
सजाता रहूँ और मनाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* दुग्ध-दधि-जल-शहद से,
नहलाया करूँ,
रेशमी वस्त्र सुन्दर,
पहनाया करूँ ||

* तेरे नयनों में कजरा,
लगाता रहूँ, गीत गाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* कान्हा रोज रोज तुमको,
सजाता रहूँ और मनाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* कुंकुम-केसर के,
चन्दन लगाऊँ तुझे,
पुष्पमाला मैं सुन्दर,
पहनाऊँ तुझे ||

* पग में पैजनियाँ सुन्दर,
पहनाता रहूँ और नचाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* कान्हा रोज रोज तुमको,
सजाता रहूँ और मनाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* प्यार से सुन्दर,
व्यंजन खिलाऊँ तुझे,
दुग्ध में मिश्री-केसर,
पिलाऊँ तुझे ||

* तेरे सेवा में तन-मन,
लगाता रहूँ, मुस्कुराता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* कान्हा रोज रोज तुमको,
सजाता रहूँ और मनाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* साथ में गाके लोरी,
सुलाऊँ तुझे,
प्यारा-सा गीत गा के,
जगाऊँ तुझे ||

* कान्त सपनों में भी,
मैं सजाता रहूँ और मनाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

* कान्हा रोज रोज तुमको,
सजाता रहूँ और मनाता रहूँ,
पर भजन में कभी,
कुछ कमी हो नहीं ||

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