हरी ॐ तत्सत लिरिक्स | Hari Om Tatsat Lyrics

Hari Om Tatsat Lyrics In Hindi
* हरि ॐ तत्सत्,इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||
* नहीं जानता हूँ,
ये नैया हमारी,
गलत जा रही या,
सही जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||१||
* कोई वेद वक्ता,
कोई ब्रह्म ज्ञानी,
कोई कहता है मैं हूँ,
लोकों का स्वामी ||
* कोई कहता है,
जग के झूठे झमेले,
कहीं सत्य दुनियां,
कही जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||२|
* कोई कहता ईश्वर,
क्या है कहां है,
दिखा दो मुझे,
मेरे आगे विठा कर ||
* सभी वेद शास्त्रों को,
झूठा बताकर,
नास्तिकों की राह,
गही जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||३||
* कोई कहता,
अल्लाह अकबर खुदाबन्द,
कोई कहता,
ईसामसीह आदि हैं वे ||
* इसी भांति आपस में,
लड़ते झगड़ते,
अनमोल आयु,
ढही जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||४||
* हुआ सख्त वारण्ट,
जारी प्रभू का,
पुलिस रूप यमदूत,
संग ले चले हैं ||
* महल धन वतन पल में,
छूटे ये सारे,
दमड़ी भी संग में,
नहीं जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||५||
* कपट झूठ चोरी,
दगाबाजी करके,
गरीबों के आंसू,
बहा धन को जोड़ा ||
* कहें 'गीतानन्द' सारी,
दौलत तुम्हारी,
यहां की यहीं पर,
रही जा रही है ||
* हरि ॐ तत्सत्,
इसी के सहारे
जीवन की नौका,
बही जा रही है ||