फैशन की तबाही लिरिक्स | Fashion Ki Tabahi Lyrics
Fashion Ki Tabahi Lyrics In Hindi
फैशन की तबाही लिरिक्स | Fashion Ki Tabahi Lyrics एक सामाजिक चेतना से भरपूर भजन है, जो आधुनिकता की चकाचौंध में गुम होती हमारी भारतीय संस्कृति और मूल्यों की ओर हमारा ध्यान खींचता है। यह लिरिक्स सिर्फ बोल नहीं हैं, बल्कि एक आइना है उस मानसिकता का, जो फैशन के नाम पर संस्कार और सभ्यता को मिटा रही है।
फैशन से तबाही-हे जगदीश लिरिक्स इन हिंदी
* हे जगदीश दुनियां में,यह क्या हो रहा है,
कि फैशन से हर घर,
तबाह हो रहा है ?
* नहीं पाठ पूजा,
न संध्या सुबह को,
कि मूछों पे रेज़र,
हवा हो रहा है ||
* हे जगदीश दुनियां में,
यह क्या हो रहा है?
कि फैशन से हर घर,
तबाह हो रहा है,
नहीं पाठ पूजा,
न संध्या सुबह को,
कि मूछों पे रेज़र,
हवा हो रहा है ||
* सुहाती नहीं धर्म,
चर्चा किसी को,
सिनेमा ही धर्मोकरम,
हो रहा है ||
* हे जगदीश दुनियां में,
यह क्या हो रहा है ?
* नहीं मिलता घी दूध,
खाने को अब तो,
गर्म चाय पीकर,
गुजर हो रहा है ||
* हे जगदीश दुनियां में,
यह क्या हो रहा है ||
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