चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी लीरिक्स | Chintpurni Chinta Dur Karni Lyrics

श्री चिंतपूर्णी देवी आरती लीरिक्स | Shree Chintourni Devi Aarti Lyrics

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
जन को तारो भोली माँ,
काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥
भोली माँ ॥

सिन्हा पर भाई असवार,
भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥
भोली माँ ॥

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूल सम्भालो ॥
भोली माँ ॥

चौथे हाथ चक्कर गदा,
पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला ॥
भोली माँ ॥

सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे,
आठवे से असुर संहारो ॥
भोली माँ ॥

चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाये ॥
भोली माँ ॥

हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान ॥
भोली माँ ॥

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया ॥
भोली माँ ॥

सुमन चरण ध्यानु जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ ॥
भोली माँ ॥

चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ


Chintpurni Chinta Dur Karni Lyrics
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