श्री धर्मराज जी की आरती लिरिक्स | Dharmraj Ji Ki Aarti Lyrics

Dharmraj Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi

श्री धर्मराज जी को न्याय के देवता माना जाता है। हिन्दू धर्म में धर्मराज जी की पूजा विशेष रूप से मृत्यु के बाद आत्मा के निर्णय के संदर्भ में की जाती है। उनकी श्री धर्मराज जी की आरती लिरिक्स | Dharmraj Ji Ki Aarti Lyrics का पाठ करने से मन को शांति, न्याय का भाव और जीवन में धार्मिक अनुशासन की प्रेरणा मिलती है।


Dharmraj Ji Ki Aarti

धर्मराज जी की आरती लिरिक्स हिंदी में

हे धर्मराज जी,
हे यमराज जी को,
बारम्बार नमस्कार ।

हे धर्मराज !,
आपको नमस्कार है।

यमराज!,
आपको नमस्कार है।

हे दक्षिण दिशा के स्वामी!,
आपको नमस्कार है।

हे महिषवाहन देवता!,
आपको नमस्कार है।

हे चित्रगुप्त !,
आपको नमस्कार है।

नरक की पीड़ा,
शान्त करने के लिए,
'विचित्र' नाम से प्रसिद्ध,
आपको नमस्कार है।

आप मेरी मनोवांछित कामनाएँ पूर्ण करें ||


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