श्री भैरव देव जी की आरती लिरिक्स | Shri Bhairav Dev Ji Ki Aarti Lyrics

Jai Bhairav Deva Aarti Lyrics In Hindi

श्री भैरव देव, भगवान शिव के पांचवें अवतार के रूप में जाने जाते  हैं। श्री भैरवदेव जी को 'दंडपाणि' और 'स्वस्वा' भी कहा जाता है। श्री भैरव देव को तंत्र का देवता माना जाता है। श्री भैरव देव की पूजा हिन्दू और जैन दोनों धर्मों में की जाती है। श्री भैरवदेव जी को शत्रुओं और संकट से भक्तों की रक्षा करने वाला माना जाता है। श्री भैरवदेव जी की पूजा तंत्र-मंत्र की साधना को निर्विघ्न संपन्न करने के लिए की जाती है। उपासना की दृष्टि से श्री भैरवनाथ एक दयालु और शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता हैं तथा उज्जैन में भैरव बाबा की जागृत प्रतिमा है जो मदिरा पान करती है।


Shri Bhairav Dev Ji Ki Aarti Lyrics

श्री जय भैरव देवा आरती लिरिक्स

जय भैरव देवा,
प्रभु जय भैरव देवा,
जय काली और गौर,
देवी कृत सेवा,
जय भैरव देवा...॥

तुम्ही पाप उद्धारक,
दुःख सिन्धु तारक।
भक्तो के सुख कारक,
भीषण वपु धारक,
जय भैरव देवा...॥

वाहन श्वान विराजत,
कर त्रिशूल धारी,
महिमा अमित तुम्हारी,
जय जय भयहारी,
जय भैरव देवा...॥

तुम बिन देवा सेवा,
सफल नहीं होवे,
चौमुख दीपक,
दर्शन दुःख खोवे,
जय भैरव देवा...॥

तेल चटकी दधि मिश्रित,
भाषावाली तेरी,
कृपा कीजिये भैरव,
करिए नहीं देरी,
जय भैरव देवा...॥

पाँव घुँघरू बाजत,
अरु डमरू दम्कावत,
बटुकनाथ बन बालक,
जल मन हरषावत,
जय भैरव देवा...॥

बटुकनाथ जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
कहे धरनी धर नर,
मनवांछित फल पावे,
जय भैरव देवा...॥

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